सामान्य अध्ययन - 2
★ संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय(मुद्दे) एवं चुनौतियां
• भारत के 14वे वित्त आयोग की संस्तुतियों ने राज्यों को अपनी राजकोषीय स्थिति सुधारने में कैसे सक्षम किया है ? (2021)
● एक राज्य - विशेष के अंदर प्रथम सूचना रिपोर्ट दायर करने तथा जाँच करने के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( CBI ) के क्षेत्राधिकार पर कई राज्य प्रश्न उठा रहे हैं । हालाँकि , CBI जाँच के लिये राज्यों द्वारा दी गई सहमति को रोके रखने की शक्ति आत्यंतिक नहीं है । भारत के संघीय ढाँचे के विशेष संदर्भ में विवेचना कीजिये। (2021)
● आपके विचार में सहयोग, स्पर्धा एवं संघर्ष ने किस प्रकार से भारत में महासंघ को किस सीमा तक आकार दिया है ? अपने उत्तर को प्रमाणित करने के लिए कुछ हालिया उदाहरण उध्दृत कीजिए। (2020)
● राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए भारतीय संविधान केंद्रीकरण करने की प्रवृत्ति प्रदर्शित करता है। महामारी अधिनियम,1897; आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा हाल में पारित किए गए कृषि क्षेत्र के अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में सुस्पष्ट कीजिए। (2020)
● 69 वें संविधान संशोधन अधिनियम के उन अत्यावश्यक तत्वों और विषमताओं, यदि कोई हों , पर चर्चा कीजिए , जिन्होंने दिल्ली के प्रशासन में निर्वाचित प्रतिनिधियों और उप - राज्यपाल के बीच हाल में समाचारों में आए मतभेदों को पैदा कर दिया है । क्या आपके विचार में इससे भारतीय परिसंघीय राजनीति के प्रकार्यण में एक नई प्रवृत्ति का उदय होगा ? (2016)
● भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 , जिसके साथ हाशिया नोट "जम्मू - कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध" लगा हुआ है , किस सीमा तक अस्थायी है ? भारतीय राज्य - व्यवस्था के संदर्भ में इस उपबंध की भावी संभावनाओं पर चर्चा कीजिए । (2016)
● क्या भारत सरकार अधिनियम , 1935 ने एक परिसंघीय संविधान निर्धारित कर दिया था ? चर्चा कीजिए। (2016)
● हाल के वर्षों में सहकारी परिसंघवाद की संकल्पना पर अधिकाधिक बल दिया जाता रहा है। विद्यमान संरचना में सहकारी परिसंघवाद किस सीमा तक इन असुविधाओं का हल निकाल लेगा, इस पर प्रकाश डालिए। (2015)
● यद्यपि परिसंघीय सिद्धांत हमारे संविधान में प्रबल है और यह सिद्धांत संविधान के आधारित अभिलक्षणों में से एक है, परंतु यह भी इतना ही सत्य है कि भारतीय संविधान के अधीन परिसंघवाद (फेडरलिज्म) सशक्त केंद्र के पक्ष में झुका हुआ है। यह एक ऐसा लक्षण है जो प्रबल परिसंघवाद की संकल्पना के विरोध में है। चर्चा कीजिए। (2014)
● अनेक राज्य सरकारें बेहतर प्रशासन के लिए भौगोलिक प्रशासनिक इकाइयों जैसे जनपद व तालुकों को विभाजित कर देती हैं। उक्त के आलोक में, क्या यह भी औचित्यपूर्ण कहा जा सकता है कि अधिक संख्या में छोटे राज्य, राज्य स्तर पर प्रभावी शासन देंगे, विवेचना कीजिए। (2013)
● अंतर राज्य जल विवादों का समाधान करने में संविधानिक प्रक्रियाएँ समस्याओं को संबोधित करने व हल करने में असफल रही है। क्या असफलता संरचनात्मक अथवा प्रक्रियात्मक अपर्याप्तता अथवा दोनों के कारण हुई है ? विवेचना कीजिए। (2013)